जब बच्चे लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहते हैं, तो उनकी नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है और नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इससे नींद की कमी होती है और उनके विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है। फोन, टैबलेट, आईपैड और टीवी सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण स्क्रीन से नीली रोशनी का उत्सर्जन करते हैं।

अत्यधिक स्क्रीन टाइम का बच्चों के स्वास्थ्य पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  1. जिन बच्चों को स्क्रीन टाइम के दौरान खाने की आदत होती है, उनके वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।
  2. लंबे समय तक स्क्रीन समय के परिणामस्वरूप डिजिटल आई स्ट्रेन हो सकता है जिसमें जलन, खुजली या थकी हुई आँखें शामिल हो सकती हैं। जो बच्चे स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताते हैं उन्हें धुंधली या दोहरी दृष्टि का अनुभव हो सकता है।
  3. जब बच्चे लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहते हैं, तो उनकी नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है और नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इससे नींद की कमी होती है और उनके विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है। 
  4. स्क्रीन के अधिक संपर्क में आने से बच्चों में पीठ दर्द और सिरदर्द हो सकता है। 

अगर बच्चों में निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराएं।

  • अगर आपका बच्चा आंखों को चुंदी या स्क्विंट करके देख रहा है।
  • ज़ोर-ज़ोर से और बार-बार आंख रगड़ता हो।
  • एक आंख को बंद करता हो या पढ़ते या टीवी देखते समय सिर एक ओर झुका लेता हो।
  • टीवी, कम्प्युटर या मोबाइल की स्क्रीन को बहुत पास से देखता हो।
  • किताबों को अपनी आंखों के बहुत पास लाकर पढ़ता हो।
  • लगातार कई दिनों से आंखों और सिर में दर्द रह रहा हो।
  • बार-बार या सामान्य से अधिक पलकें झपकाने की समस्या हो।

अधिक जानकारी के लिए कुमार आँखों के अस्पताल , दादरी  में संपर्क करें।  +91 8448402961, +91 7042105128

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