भैंगापन – कारण, लक्षण एवं उपचार की संपूर्ण जानकारी
							डॉ. गौरव कुमार, cataract specialist in Dadri
भैंगापन (Strabismus) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखें एक साथ एक ही दिशा में नहीं देखतीं। एक आंख सीधी रहती है जबकि दूसरी किसी और दिशा में मुड़ जाती है – कभी अंदर, कभी बाहर या ऊपर-नीचे। यह समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलती है, लेकिन कभी-कभी बड़ों में भी हो सकती है।
Best eye doctor in Dadri डॉ. गौरव कुमार बताते हैं कि अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो बच्चे की देखने की क्षमता (vision development) पर भी असर पड़ सकता है।
भैंगापन के मुख्य कारण
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जन्म से ही आंखों की मांसपेशियों में असंतुलन
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अनुवांशिक (पारिवारिक) कारण
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आंख की रोशनी बहुत कम होना
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न्यूरोलॉजिकल या ब्रेन से जुड़ी कुछ समस्याएं
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समयपूर्व जन्म (Premature birth)
 
Eye hospital in Dadri में रोज़ ऐसे कई मामलों की जांच होती है, जहां बच्चों को यह समस्या जन्म से ही होती है।
भैंगापन के लक्षण
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दोनों आंखों का अलग-अलग दिशा में देखना
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सिर तिरछा करके देखना
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चीजें दो-दो दिखना (Double vision)
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आंखों में जलन या थकान
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बच्चा बार-बार आंख मले या एक आंख बंद करके देखे
 
यदि आपको अपने बच्चे में ये लक्षण दिखें, तो बिना देर किए eye clinic in Dadri में जांच कराएं।
भैंगापन का इलाज कैसे होता है?
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चश्मे या पावर वाले लेंस: कई बार सही नंबर के चश्मे से आंखें सीधी हो सकती हैं।
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आंखों के व्यायाम: स्पेशल आई एक्सरसाइज़ से मांसपेशियों को संतुलित किया जाता है।
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आंख पर पैच लगाना (Patching): कमजोर आंख को मजबूती देने के लिए अच्छी आंख को कुछ समय के लिए ढका जाता है।
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सर्जरी: अगर अन्य उपायों से फर्क न पड़े तो आंखों की मांसपेशियों की सर्जरी की जाती है। Cataract surgeon in Dadri डॉ. गौरव कुमार इस तरह की सर्जरी में भी विशेषज्ञ हैं।
 
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपका बच्चा 4 महीने की उम्र के बाद भी आंखें सही दिशा में नहीं रखता, या स्कूल जाते वक्त भैंगापन दिखने लगता है, तो देर न करें।
Kumar Eye Clinic Dadri दादरी का best eye hospital in Dadri माना जाता है, जहाँ इस समस्या का संपूर्ण समाधान मौजूद है।
भैंगापन कोई छोटी समस्या नहीं है। अगर समय पर इलाज न हो, तो बच्चा जिंदगीभर कमजोर नजर या अंधेपन से जूझ सकता है।
Best eye doctor in Dadri से समय पर सलाह लें और बच्चे की आंखों का भविष्य सुरक्षित करें।




























