दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर ठंड के मौसम में खतरनाक रूप से बढ़ जाता है, जिसका सबसे अधिक प्रभाव आंखों पर पड़ता है। वायु में मौजूद सूक्ष्म कण, धूल, धुआं और रसायन आंखों की सतह को चुभन, जलन और लालिमा जैसी समस्याओं से ग्रस्त कर सकते हैं। ऐसे में आंखों की विशेष देखभाल करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। सबसे पहले, जब भी बाहर निकलें तो सनग्लासेज़ का उपयोग करें, जो आंखों को धूल और प्रदूषकों से बचाते हैं। घर लौटने पर आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए ताकि जमा हुए प्रदूषक हट सकें। यदि आंखों में लगातार खुजली या जलन हो रही हो, तो आंखों में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई न डालें, बल्कि नेत्र चिकित्सक से परामर्श लें। कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन के लंबे इस्तेमाल से आंखों पर और भी दबाव पड़ता है, इसलिए हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें — जिसे "20-20-20 नियम" कहते हैं। साथ ही, पर्याप्त नींद लेना और जलयुक्त आहार जैसे खीरा, गाजर, और हरी सब्जियाँ खाने से आंखों को प्राकृतिक पोषण मिलता है। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग और पौधों की उपस्थिति भी हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से आंखों का परीक्षण करवाना न भूलें, ताकि किसी समस्या का पता समय रहते लगाया जा सके। प्रदूषण से आंखों को बचाने के लिए यह सभी उपाय अपनाकर आप अपनी दृष्टि को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

 

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